एक अपील मागधी.गायक वृन्द से!

एक अपील मागधी.गायक वृन्द से!
    
बुघवार *स्ट्राइकर
           मगही भाषा को अपनी अश्लील जवान देने में शर्म नही आती।तुम्हें किसी ने बताया नही कि मगही कई   भाषाओं की जननी है।मगघ और हिन्दुस्तान की सभ्यता,संस्कृति,इतिहास और विज्ञान के ज्ञानको संजोकर रखने वालाविश्वप्रसिद्ध नालन्दाविश्वविद्यालय के पुस्तकालय को जलाकर खाक करने वाला र्वाख्तयार खिलजी की कमीनेपन की निशानी आज भी मौजूद है।1मगही जैसे सुसंस्कृत जवान को विकृत करने के बजाय उसकी पुजा और अराघना कर और उसे अपनी मघुर कण्ठी आवाज से भाषा की मर्यादा की सर्वोच्य तख्त पर विठाने का कार्यकरiउठ हे गंगापुत्र।संकल्प ले।उठ !
     अगर ऐसा करने के मार्ग में कुछ कठिना३याँ आये तो उससे  लड़ ।उसका सामना कर क्योंकि तु मागधी पुत्र है।स्वाभिमान और संघर्ष तेरी नियती है। वर्णा तेरे व तुम लोगों.जैसे कई लोग आये और चले गये।अपनी मातृभाषा और मातृभूमि को लश्चित मत कर।माँ सरस्वती का तो तु जन्म से ही पूजक है तभी तो तु मगघ की धरती पर पैदा लिया और मागधी पुत्र कहलाया।तु सूर्य का जन्म जन्मातंर से उपासक है। तेरे अराध्यय की तेज से तो पुरा संसार रोशन होता है।पहचान अपने को और नमन कर मातृभूमि को।लग जा सुर साधना में। तोजेमय भव!
          तु भूल गया कि मगघ गुरू गोविन्द सिंह,आचार्य
 चाणक्य ,आर्यभठ्ठ ,अमीर खुसरों, चन्द्रगुप्त,सम्राट अशोक,जरासंघ जैसे महान लोगोंकी जन्मभूमि है। ये वो भूमि है जहाँ महावीर और बुद्ध तप किया।तु यह कैसेभूल गया कि जबतक मगघ सार्माज्य समृद्ध रहा तब तक हिन्दुस्तान को गुलाम बनाने की किसी की हिम्मत नही हुई  और मगघ को एक कुटिल परदेशी उच्चवर्णी ने अपने छलबल से सर्वनाश किया ब मगघ दुसरी वार छला गया।
     अगर तू चाहता ह्रै कि तुक्षे आने वाली पीड़िया और मगध में तेरा नाम मान और सम्मान से लिया जावे तों तु कुछ ऐसा राग छेड़ जिससे तुम्हारे होने पर तेरी माँ,मातृभूमि और मातृभाषा तुक्षपर गर्व कर सके । अपनी सुरीली कणठ का उपयोगकर, उनके मान और सम्माण को उचाँ दर्जा दिला ताकि आने बाली मागधी पीडिया तुमपर गर्व कर सके।
शुभकामनाये।
कृब्णदेव(केडी) सिह
एक मागध