दोषारोपण में भी पक्षपात ?
कृष्ण देव सिंह
भाोपाल । आज मैं अपनी बुघवार पत्रिका के प्रकाशन के कार्य से भोपाल आया हूँ ।अपने निवास / कार्यालय आकर वाट्र्सअप परनजर डाली तो चौक गया।क्योकि मेरे विद्वान मित्रों की समुह के एक लोकप्रिय चिकित्सक और समाजिक कार्यकर्ता मित्र ने बड़ी दिलचस्प पोस्ट प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार के बारे में भेजा है। उनकी पोस्ट पर पत्रकारिताघर्म निभाते हुए मैंने आंशिक रूप से सम्पादन कर कुछ प्रतिक्रिया स्वरूप प्रश्न उठाना मुक्षे उचित लगा है। लेकिन झ्ससे विद्वान डाक्टर मित्र के मूल पोस्ट पर कोई प्रभाव नही पड़ा है :
*मोदी का पूरा रिपोर्ट कार्ड*(अगर गलत लगे तो गुगल पर जाकर देख लेना)
आप यह देखकर चौंक जाएंगे कि पिछले 6 वर्षों में भारत कैसे बदल गया है, इसमेंं अगर कुछ भी गलत लगे तो बताएं...अन्यथा इस सच को स्वीकार करें..
*1* भारत अब उच्चतम बेरोजगारी दर से पीड़ित है *(NSSO डेटा)*
*2* दुनिया के सभी शीर्ष 10 सबसे प्रदूषित शहर अब भारत में हैं *(WHO डेटा)*
*3* भारतीय सैनिकों की शहीद की संख्या 30 वर्षों में सबसे अधिक है *(वाशिंगटन पोस्ट)*
*4* भारत में अब 80 वर्षों में सबसे अधिक आय असमानता है *(क्रेडिट सुइस रिपोर्ट)*
*5* भारत महिलाओं के लिए दुनिया का सबसे खराब देश बन गया है *(थॉमस रॉयटर्स सर्वे)*
*6* उग्रवाद में शामिल होने वाले कश्मीरी युवा इन वर्षों में सबसे ज्यादा हैं *(भारतीय सेना के आंकड़े)*
*7*.इस बार भारतीय किसानों को पिछले 18 साल में सबसे खराब कीमत का सामना करना पड़ा है *(WPI डेटा)*
*8* मोदी के पीएम बनने के बाद अब तक की सबसे ज्यादा गाय से जुड़ी हिंसा और रिकॉर्ड मॉबलिंचिंग की घटनाएं हुई हैं। *(इंडिया स्पेंड डेटा)*
*9* भारत अब विश्व का दूसरा सबसे असमान देश है *(ग्लोबल वेल्थ रिपोर्ट)*
*10* भारतीय रुपया अब एशिया की सबसे खराब प्रदर्शन वाली मुद्रा है।*(मार्केट डेटा)*
*11* भारत पर्यावरण संरक्षण में विश्व का तीसरा सबसे बुरा देश बन गया है । *(EPI 2018)*
*12* भारत के इतिहास में पहली बार विदेशी धन और भ्रष्टाचार को वैध बनाया गया है । *(वित्त विधेयक 2019)*
*13* हमारे वर्तमान प्रधान मंत्री 70 वर्षों में सबसे कम जवाबदेह प्रधानमंत्री हैं । *(प्रथम पीएम 0 प्रेस कॉन्फ्रेंस करने के लिए )*
*14* भारत के इतिहास में पहली बार, CBI बनाम CBI, RBI बनाम Govt, SC बनाम Govt के झगड़े इसलिए हुए क्योंकि मोदी सभी लोकतांत्रिक संस्थाओं पर नियंत्रण चाहते हैं।
*15* भारत के इतिहास में पहली बार, सुप्रीम कोर्ट के 4 जजों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि ”लोकतंत्र खतरे में है, हमें काम नही करने दिया जा रहा”
*16*. भारत के इतिहास में पहली बार, रक्षा मंत्रालय कार्यालय से चोरी हुए शीर्ष गुप्त रक्षा दस्तावेज (राफेल)
*17*.पिछले 70 सालों में असहिष्णुता और धार्मिक अतिवाद सबसे ज्यादा है। *(व्यक्तिगत अवलोकन क्योंकि इसके लिए कोई डेटा मौजूद नहीं है )*
*18.भारतीय मीडिया अब तक के वर्षों में सबसे खराब है । *(व्यक्तिगत अवलोकन)*
*19*.भारत के इतिहास में पहली बार, अगर आप मोदी सरकार की आलोचना करते हैं, तो आप पर देशद्रोही का लेबल लगता है जो की बहुत शर्मनाक है।
इस संदेश में जो कुछ भी कहा गया है, वह जुमला नहीं है। ऊपर दिया गया सभी डेटा 100% सत्यापित फैक्ट्स हैं। आप किसी भी बिंदु पर एक Google खोज करके उन्हें स्वयं सत्यापित कर सकते हैं। हमारे भारत के साथ जो हुआ है उसकी वास्तविकता यही है।
मोदी सरकार पिछले 70 वर्षों में सबसे खराब भारत सरकार है।
कुछ लोग कहते हैं कि 2019 का चुनाव भारत में होने वाला आखिरी चुनाव होगा। क्योंकि मोदी ने जीतने के बाद, हमारे लोकतंत्र के सभी संस्थानों को अपने नियंत्रण में कर लिया है और एक तानाशाह बन गये हैं । आज *"चोर" और "चौकीदार" की बहस के बीच रोज़ी-रोटी, शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, भ्रष्टाचार, कालाधन, नोटबंदी, रोजगार, महंगाई आदि सभी मुद्दें उड़न छू हो गये हैं।
लेकिन ये तय है कि जब देश को बर्बाद करने वालों की सूची तैयार होगी तब इन दो वर्गों का नाम सबसे ऊपर होगा:-
1.बिकाऊ मीडिया
2. मूरर्व अंधभक्त
हमारे विद्वान मित्र के उपरोक्त तथ्यों ने जहॉ मुक्षे प्रभावित किया है ,वहीं मैं आश्चर्यचकित हूँ कि क्या हमारे नैतिक,राजनैतिक ,घार्मिक और सामाजिक मूल्यों में इस हद तक गिरावट आ गई है कि दोषारोपण करने में भी हम हद दर्जे तक पक्षपात करने लगे है?क्या देश की वर्तमान हालात के लिए घनलोलुपता,चमचाबाद, मनुवाद,घर्मवाद,क्षेत्रवाद,अल्पसंख्यकवाद,जातिबाद,साम्यवाद,समाजवाद,अम्बेडकरवाद,गाँघीवाद,पारवण्डवाद,स्वार्थवाद,पूजीवाद,व्यापारवाद,कमीशनवाद,परिक्रमावाद,भाटबाट,चारणवाद,वंशवाद यादि में लिप्त हमारे देश के लारवों प्रभावशाली राजनेता,व्यवसाई,नौकरशाह,दलाल,भडुयें कम जिम्मेदार है?अगर है तो उनका उल्लेख करने में परहेज क्यों?क्या यह देशहित में है या समाजहित में?
*बुघवार मल्टीमडिया नेटवर्क
दोषारोपण में भी पक्षपात ?